tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post1426066330326546042..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: अपनी वैचारिकी से पलटी मारना किसी को सीखना हो तो वह लखनऊ के साहित्य भूषण वीरेंद्र यादव से सीखेEditorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-71329619840638022292019-03-18T04:57:26.241-07:002019-03-18T04:57:26.241-07:00बड़ा आश्चर्य है कि सत्ता के गलियारों में खुले आम शि...बड़ा आश्चर्य है कि सत्ता के गलियारों में खुले आम शिरकत करने वाले ड्रामेबाज़ आज लोहिया का आश्रय ढूंढ रहे हैं।क्रांति का परचम उठाने वाले इन तथाकथित बुद्धिजीवी सज्जनों को जातिवाद के नंगे नाच की आलोचना का समय ही नहीं मिला, यह पूर्वाग्रह नहीं तो और क्या है।आपने इन सफेद कबूतरों की असलियत बेनकाब कर दी है तो इनका फड़फड़ाना जायज़ है।डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-84807843332881193112013-12-13T21:47:10.964-08:002013-12-13T21:47:10.964-08:00This comment has been removed by the author.सुधाकर अदीब https://www.blogger.com/profile/06717441364320808324noreply@blogger.com